20/10/2024
सभी माताओं बहनों को पावन व्रत करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं
महाकवि बिहारी ने सतसई में एक चित्र अंकित किया है।करवाचौथ का। नायिका सबेरे से भूखी-प्यासी थी।
चन्द्रमा उगा कि नहीं यह देखने के लिये वह ऊंचे तिखने पर चढ़ने लगी तो सहेली बोली -
*तू रहि सखि हौं ही लखों, चढि न अटा बलि बाल।*
*बिनु ही ऊगैं ससि समुझि, दीजत अरघ अकाल॥*
अरी सखि! तुझ पर न्यौछावर जाऊं, तूं रहने दे।
तूं अटा पर मत चढ़, मैं ही चढ़ कर देखती हूं कि चन्द्रोदय हुआ है या नहीं। कहीं ऐसा न हो कि चन्द्रोदय हुआ न हो और व्रत करने वाली सुहागिन तेरे मुख-चन्द्र को ही चन्द्रोदय मान कर अर्घ्य दे दें। यह तो अनर्थ हो जायेगा।